Sunday, 25 June 2017

ईद पर कविता

दिखावे की दुनियाँ में सब कुछ लाल लाल है।
महगाईं के ज़माने में सारे गरीब भी बेहाल है।।
मुबारकबाद दे रहा हूँ मोहब्बती ईद का सभी को;
कि ईद में बकरे ही नहीं आदमी भी हलाल है।।

हर साल की तरह आज फिर से,ईद आयी है।
मुल्क में सिर्फ आपसी,मतभेद की लड़ायी है।।
गर न हो आपसी हसद,जाति-धर्मं का भेदभाव;
ऐसी तमन्ना-ए-दीद की मैंने,बस आस लगायी है।।

रचयिता-कवि कुलदीप प्रकाश शर्मा"दीपक"

मो.नं.-9628368094,7985502377

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Wednesday, 14 June 2017

युवाओं की मंजिल में रुकावट-Break-Up & Patch-Up

मित्रों,प्रतिक्रिया अवश्य दें-

आज कुछ पंक्तियाँ युवाओं पर है।ज्यादातर युवाओं का विद्यार्थी जीवन Break-Up और Patch-Up में निकल जाता है,उसके जीवन में Girl की महत्ता हो जाती है,Goal की कोई महत्ता नहीं रहती।अगर युवा Goal पर ध्यान दे Girl अपने आप आ जायेगी और Girl के चक्कर में न तो Goal पा पाते है और न ही Girl. हमें स्वयं ही बदलना होगा अगर हम कुछ करना मंजिल को हासिल करना चाहते है तो,कोई बदलने के लिए नहीं आएगा।

धन्यवाद।

किसी ने सही कहा-बुरा न सुनो,बुरा न कहो;
और बुरा जब दिखे दोस्तों,तो आंखे मूँद लो।
मंज़िल पे बहुत जल्द पहुँच जाओगे अगर;
ज़ुल्फों से निकलने का कोई,रास्ता ढूंढ लो।।

रचयिता-कवि कुलदीप प्रकाश शर्मा"दीपक"