Sunday, 25 June 2017

ईद पर कविता

दिखावे की दुनियाँ में सब कुछ लाल लाल है।
महगाईं के ज़माने में सारे गरीब भी बेहाल है।।
मुबारकबाद दे रहा हूँ मोहब्बती ईद का सभी को;
कि ईद में बकरे ही नहीं आदमी भी हलाल है।।

हर साल की तरह आज फिर से,ईद आयी है।
मुल्क में सिर्फ आपसी,मतभेद की लड़ायी है।।
गर न हो आपसी हसद,जाति-धर्मं का भेदभाव;
ऐसी तमन्ना-ए-दीद की मैंने,बस आस लगायी है।।

रचयिता-कवि कुलदीप प्रकाश शर्मा"दीपक"

मो.नं.-9628368094,7985502377

E-Mail:poetkuldeepjlsharma75@gmail.com

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