Wednesday, 28 February 2018

भोजपुरी गीत-खेले राधा संग कन्हाई, रे होली भैया

खेले राधा संग कन्हाई; रे होली भैया।
मुबारक हो सबही के; होली दिन भैया।।

होली घर-घर; खुशियाँ लावेला।
इक-दूजन के; प्यार सिखावेला।।
हुइहै गाल सबही के रे; लाल-पीले भैया।
खेले राधा संग★★★★★★★★★।।

होली प्यार के; अनमोल त्यौहार बा।
खेलत रंग कान्हा; अरु ब्रजवाला।।
मस्ती में सबु आज; झुमिहै रे भैया।
खेले राधा संग★★★★★★★★★।।

प्यार के रंग मा; सब रंग डाला।
कौनौ शिकवा न;आपन मन में पाला।।
प्रेम से रउआ सब; होली मानवा रे भैया।
खेले राधा संग★★★★★★★★★।।

रचयिता-कवि कुलदीप प्रकाश शर्मा"दीपक"
मो.नं.-9628368094,7985502377

Monday, 12 February 2018

महाशिवरात्रि पर कविता

भूतभावन,विनाशक ललाटे चंद्र शोहे।
कर त्रिशूल,भुजंगधारी,त्रिनेत्र मन मोहे।।

डमरू बजाकर करे नृत्य भोला।
पावन जहाँ"दीपक"नगरी गोला।।

करुँ वंदन निशदिन मैं तुम्हारा।
सदा ही करो कल्याण हमारा।।

मंद-मंद समीर आज,सुंदरता चहुँओर भरे।
हे नीलकंठ!तूने,है सबके दुःख दूर करे।।
कर दे मुझ दीन पर भी,दया थोड़ी भगवन;
जपता मैं निशदिन,हर हर महादेव हरे।।

रचयिता/लेखक-कवि कुलदीप प्रकाश शर्मा"दीपक"
मो.नं.-9628368094,7985502377