मेरा सोना-मेरा बाबू,गुड़ मोर्निंग बोलें कैसे हम।
लगी मेसेज पे GST,ओ मेरे शोला और शबनम।।
चलाया Anti Romiyo,और अब मेसेज पे GST.
अरे सरकार!क्या करोगे,क्यूँ मेरी उजाड़ रहे बस्ती।।
सुबह की मुस्कान हमारी,छीन तुम क्यूँ रहे हमसे।
बिन मॉर्निंग मेसेज के लगता,हम है दूर सनम से।।
बस करो अब हम पर पाबंदी,सुकून से खाने-पीने दो।
जब दिया जिओ अंबानी ने,तो जिओ और जीने दो।।
लगी मेसेज पे GST,ओ मेरे शोला और शबनम।।
चलाया Anti Romiyo,और अब मेसेज पे GST.
अरे सरकार!क्या करोगे,क्यूँ मेरी उजाड़ रहे बस्ती।।
सुबह की मुस्कान हमारी,छीन तुम क्यूँ रहे हमसे।
बिन मॉर्निंग मेसेज के लगता,हम है दूर सनम से।।
बस करो अब हम पर पाबंदी,सुकून से खाने-पीने दो।
जब दिया जिओ अंबानी ने,तो जिओ और जीने दो।।
रचयिता-कवि कुलदीप प्रकाश शर्मा"दीपक"
मो.नं.-9628368094,7985502377
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