कि माँ-बाप से बढ़कर,कोई भगवान नहीं है।
उनके जैसा दुनियाँ में,कोई धनवान नहीं है।।
मेहनत-मजदूरी करके,बच्चों को सींचते है।
तकलीफ न हो उनको यही, दिन-रात सोचते है।।
बच्चों के खातिर कुछ भी करे,कोई अभिमान नहीं है।
माँ-बाप से★★★★★★★★★★★★★★★।।
दुनियाँ में सभी देवों का,स्थान दूजा है।
माँ-बाप की सेवा ही,सबसे बड़ी पूजा है।।
"दीपक"बनकर जलते रहे,ऐसा कोई धैर्यवान नहीं है।
माँ-बाप से★★★★★★★★★★★★★★★।।
रचयिता-कवि कुलदीप प्रकाश शर्मा"दीपक"
मो.-9560802595,9628368094
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