Sunday, 7 May 2017

नैनो की तिरछी नजर ने,मुझको घायल कर डाला

नैनो की तिरछी नजर ने,मुझको घायल कर डाला।
न जाने कैसा वक्त मेरा,जो तुझसे पड़ा है पाला।।

तेरी नजरो का जादू,खींचे यूँ है मुझको।
आँखो से इशारा मेरा,झलके है तुझको।।
खींचा मैं चला आऊँ,तेरी आँखो का नशा निराला।
नैनो की★★★★★★★★★★।।

मदहोश जवानी देख तेरी,होश मेरे उड़ जाए।
मुस्कान तेरी मेरे दिल को,यूँ पागल कर जाए।।
चाँद सा चेहरा देख तेरा,हो जाऊँ मैं दिवाला।
नैनो की★★★★★★★★★★।।

रचयिता-कवि कुलदीप प्रकाश शर्मा"दीपक"
मो.न.-9560802595,9628368094

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