Kavi Kuldeep Prakash Sharma

Monday, 1 May 2017

मोबाइल हास्य कविता

हर पल का रे साथ है,तुम्हारा हमारा।
करम करें कोई भी,मोबाइल एक सहारा।।

जबसे आया फैशन,मोबाइल का यारों।
तबसे बातें हैं समझे,इशारों ही इशारों।।
व्हाट्सएप्प-फेसबुक,के रूपों ने तुम्हें पुकारा।
हर पल का★★★★★★★★★★★★।।

मन के पंख लगा के,दूर कहीं चले जाए।
जहाँ कोई डिस्टर्ब,हम तक पहुंच न पाए।।
मोबाइल की खुशबू से,महके तन मन हमारा।
हर पल का★★★★★★★★★★★★।।

रचयिता-कवि कुलदीप प्रकाश शर्मा"दीपक"
मो.न.-9560802595,9628368094

Posted by Kavi Kuldeep Prakash Sharma"Deepak" at 22:21
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