Sunday, 9 April 2017

कोई जी रहा है सनम,तुम्हें देखकर

कोई जी रहा है सनम,तुम्हे देखकर।
मुझे याद रखना तुम, हर डगर पर।।

साथ न छोड़ना,कभी तुम मेरा।
रहे नाम हर वक्त,जुबां पर तेरा।।
जी न पाऊँगा तुमसे,मैं जुदा होकर।
कोई जी ★★★★★★★★★।।

चाहूँ मैं तुझको,जान से ज्यादा।
मैं हूँ कृष्ण तेरा,तू है मेरी राधा।।
कैसे भूलूँ मैं तुझको,अपना मानकर।
कोई जी★★★★★★★★★★।।

जिंदगी मेरी तेरे,बिना है अधूरी।
तुझे मांगे बिन,दुआ भी न हो पूरी।।
दुआ रब से तू रहे,मेरे साथ जन्मभर।।
कोई जी★★★★★★★★★★।।

रचयिता-कवि कुलदीप प्रकाश शर्मा"दीपक"
मो.-9560802595,9628368094

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