Sunday, 9 April 2017

वेलेंटाइन-डे सप्ताह("Valentine-Week" Poetry)

आते जायेगें जितने दिन,उनमें इश्क़ का इजहार ही होना है।
7 दिन की जिंदगी के बाद दोस्तों,फिर से टकरार ही होना है।।
माना कि 7 दिनों का माहौल है,सिर्फ इजहार-का-इश्क़ का।
लेकिन बचके रहना मेरे दोस्तों,चांस बहुत है इसमें रिश्क का।।

गुलाब तुम्हें भेजा है,सनम तुम स्वीकार करो।
अपने अधरों से मेरे,प्यार का इकरार करो।।
बैचेन हूँ सुनने को,मैं उस ढाई अक्षर को;
कहना है सिर्फ मेरा तुमसे,तुम प्यार करो-2।। (Happy Rose Day)

चाहे कितना तुझे दिल ये मेरा,आज बतलाऊँ मैं तुझको।
बिन प्यार के जीवन कैसा,अहसास कराऊँ मैं तुझको।।
छोडूं न कभी मैं साथ तेरा,ये वादा मेरा तुझसे प्रिये;
बिन जीवनसाथी की नैया में,पतवार बनाऊँ मैं तुझको।।(Happy Prapose Day)

बिन पुकारे मुझको हमेशा,तुम साथ पाओगे।
करो मुझसे वादा कि तुम, दोस्ती निभाओगे।।
याद रखना मुझको,उस पल तक सनम जब;
आप अकेले अकेले,डेरीमिल्क खाओगे।। (Happy Chocolate Day)

तुम Soft हो इतनी,कि जैसे है Teddy Bear.
सच्चा प्यार मैं तुझसे करता हूँ,ये बात है Clear.
कोई गिला-शिकवा नहीं हमारे और तुम्हारे बीच;
कुछ हो न जाये तुमको,इसलिए रहता है Care. (Happy Teddy Day)

रुठोगी जब तुम हमसे,मनाएंगे पकड़कर हाथ तुम्हारा।
दूर होगी जब तुम हमसे,रहे फिर भी अहसास तुम्हारा।।
जीते जी हमारे कोई,तकल्लुफ़ न तुम्हें होने देगें ;
करते है हम वादा सनम,छोड़ें न कभी साथ तुम्हारा।। (Happy Promise Day)

काश!जल्द वो दिन आये,मेरी जिंदगी में भी;
जब वाे मेरी वर्षों की,मन्नत में मिल जाये।
कहूँगा ईश्वर से फिर मैं,नहीं जरूरत तेरे जन्नत की;
जब उसकी बाहों में ही,मुझको जन्नत मिल जाये।।(Happy Hug Day)

क्या वो लम्हा होगा,मेरी जिंदगी का;
जब दूर होंगे हम दोनों,दुनियाँ के पहरों से।
फिर जरुरत क्या है मुझको,नीर पीने की;
प्यास तो मिट जायेगी,सिर्फ तेरे अधरों से।। (Happy Kiss Day)

बंधे हुए है हम उस जंजीर से,जिससे निकलना भी मुश्किल है।
दोस्तों,अब आदमी के दिमाग से ज्यादा,समझदार ये दिल है।।



रचयिता-कवि कुलदीप प्रकाश शर्मा"दीपक"
मो.-9628368094,7985502377

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