लड़कियों से कभी भी;आँखे न मिलाना।
ये चाहती है हर दिन;इक नया दीवाना।।
प्यार करो कितना भी;ये अपनी होती नहीं।
इनका दिल है पत्थर का;ये कभी रोती नहीं।।
इसलिए ए दोस्तों;इनके लिए न आसूँ बहाना।
लड़कियों से★★★★★★★★★★★★।।
हमने भी दोस्तों;यही एक बार किया था।
इक स्वर्णिम लड़की से;मैंने प्यार किया था।।
पर कहता है रो-रो कर आज ये अफ़साना।
लड़कियों से★★★★★★★★★★★★।।
रचयिता-कवि कुलदीप प्रकाश शर्मा"दीपक"
मो.-9560802595,9628368094
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