Sunday, 9 April 2017

मेरे पापा

मेरे खातिर किसी से,मेरे पापा डरते नहीं।
मेरी फिक्र के सिवा,वो कुछ सोचते नहीं।।
आज तक मैंने न देखा,उनके जैसा कोई धनवान;
जेब खाली हो फिर भी,मना करते नहीं।।

रचयिता-कवि कुलदीप प्रकाश शर्मा"दीपक"
मो.-9560802595,9628368094

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