मेरे खातिर किसी से,मेरे पापा डरते नहीं। मेरी फिक्र के सिवा,वो कुछ सोचते नहीं।। आज तक मैंने न देखा,उनके जैसा कोई धनवान; जेब खाली हो फिर भी,मना करते नहीं।।
रचयिता-कवि कुलदीप प्रकाश शर्मा"दीपक" मो.-9560802595,9628368094
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