एक वर्ष जिंदगी का,दोस्तों कम हो गया है।
पुरानी यादों पे फिर से,मरहम हो गया है।।
कुछ तमन्नाएं थी दिल में,दिल में ही रह गयी।
तो कुछ बिन माँगे ही वो,मुझको मिल गयी।।
कुछ का साथ यही तक था,तो कुछ का साथ अब होगा। समय के हर मोड़ पर,जीवन दांव पर होगा।।
कुछ मुझसे मिलकर भूल गए तो कुछ,आज भी याद करते है। खुश रहे वो जीवनभर,ऐसी रब से हम फरियाद करते है।।
कोई गलती हो हमारी तो,हमको माफ करना।
गर अच्छा लगे तो दिल से,मुझको याद करना।।
रचयिता-कवि कुलदीप प्रकाश शर्मा"दीपक"
मो.-9560802595,9628368094
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