Sunday, 9 April 2017

महिला सशक्तिकरण दिवस पर कविता

महिलाओं तुम आगे आओ,है जरूरत तुमको सशक्त बनने की।
आ गयी है बारी अब,इस समाज की संकीर्ण सोच बदलने की।।

महिलाओं स्वयं तुमको ही खुद आगे बढ़ना होगा।
हो युगों-युगों से पूजनीय,अब तुमको जगना होगा।

बढ़ती रहना तुम यूँ ही सदा,पर अपनी पति न खोना तुम।
लज़्ज़ा ही सिर्फ तेरा गहना,इसको सँभाल कर रखना तुम।।

रचयिता-कवि कुलदीप प्रकाश शर्मा"दीपक"
मो.-9560802595,9628368094

1 comment:

  1. मनीषा बापना जी एक बहुत ही सतर्क सामाजिक कार्यकर्त्ता है जो की हमेशा से ही लोगो के हित में कार्य करके उन्हें हर समसंभव मदद प्रदान करती है भारत में महिला सशक्तिकरण जैसे विषय पर भी अपनी राय देती है जायदा जानकारी के लिए आप हमारी वेबसाइट पर देख सकते है महिला सशक्तिकरण

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