महिलाओं तुम आगे आओ,है जरूरत तुमको सशक्त बनने की।
आ गयी है बारी अब,इस समाज की संकीर्ण सोच बदलने की।।
महिलाओं स्वयं तुमको ही खुद आगे बढ़ना होगा।
हो युगों-युगों से पूजनीय,अब तुमको जगना होगा।
बढ़ती रहना तुम यूँ ही सदा,पर अपनी पति न खोना तुम।
लज़्ज़ा ही सिर्फ तेरा गहना,इसको सँभाल कर रखना तुम।।
रचयिता-कवि कुलदीप प्रकाश शर्मा"दीपक"
मो.-9560802595,9628368094
मनीषा बापना जी एक बहुत ही सतर्क सामाजिक कार्यकर्त्ता है जो की हमेशा से ही लोगो के हित में कार्य करके उन्हें हर समसंभव मदद प्रदान करती है भारत में महिला सशक्तिकरण जैसे विषय पर भी अपनी राय देती है जायदा जानकारी के लिए आप हमारी वेबसाइट पर देख सकते है महिला सशक्तिकरण
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